ककड़ा सिंगी यह नाम शायद आप पहली बार सुन रहे होंगे यही नहीं आप में से बहुत लोग ऐसे भी है जो ककड़ा सिंगी के बारे में जानते भी नहीं होंगे की किसको कहा जाता है और होना भी चाहिए क्यों की अगर कोई हर चीज़ को जान ले तो फिर किसी को किसी के पास जाने की ज़रूरत ही नहीं पड़ेगी
और वैसे भी पूरी दुनिया में इतनी सारी जड़ी बूटियां है की इन जड़ी बूटियों की जानकारी बहुत से डॉक्टर्स को भी नहीं और न ही सब वेद को सारी जड़ी बूटियों के बारे में जानकारी है कहावत में है की जिसका बन्दर वही नचाये और यह कहावत बिलकुल सही भी है कहने का अर्थ यह है की
क्या ककड़ा सिंगी से दूर होते है कई बीमारी
जिन को जिस जड़ी बूटी के बारे में पता है वही उसके बारे में बता सकता है न की हर कोई बता पायेगा दोस्तों आज हम बात करने वाले है ककड़ा सिंगी के बारे में और इसके चमत्कारिक गुण और इसके नुकसान के बारे में इस लिए आप सब
इस पोस्ट के आखिर तक बने रहें आप को पूरी जानकारी दी जाएगी और आप सब को बताया जायेगा की ककड़ा सिंगी क्या है इसका इस्तेमाल किन बिमारियों के लिए क्या जाता है और कैसे इसका इस्तेमाल करना है सबसे पहले हां आप सब को बता देते है की ककड़ा सिंही क्या है
दोस्तों ककड़ा सिंगी आम तोर पर अप को रोड के किनारे पर मिल जाता है इसके बिरिछ आप के बिरिछ के बड़ा होता है और इसके पत्ते बहुत ही छोटे होते है है और यह पेड़ छड़ी डर होता होता है इसपर ज़िलेवी की तरह गोल जैसा ही फल आता है जिसे आप इस फोटो में देख सकते हैं
चाल्ये अब बात कर लेते है इसके फायदे और नुकसान के बारे में दोस्तों इसके तो बहित ही अनेक फायदे है पर हम यहाँ पर कुछ खास फायदे के बारे में ही बताएँगे इसके जो मुख्य फायदे है यह एक कड़वा गर्म तासीर वाली जड़ी बूटी है
ककड़ा सिंगी की पूरी जानकारी और उसके फायदे
जो रुखा पन कफ और वात की बीमारी में काफी फायदे मंद है इसके अलावाह सर्दी खांसी के लिए भी काफी असर दार है साथ ही यह बुखार,साँस सम्बंधित समस्या,शारीर के उपरी भाग में वात दोष के कारण होने वाली समस्या प्यास लगना,
हिचकी,उलटी,अतिसार,रक्तपित,बाल रोग ,को भी दूर करता है दोस्तों वैसे तो इस का इस्तेमाल इन सब बीमारी के लिए किया जाता है पर इसका उपयोग खास कर बुखार के लिए अति दुर्लब माना जाता है इसके लिए आप को कुछ इस तरह से लेना है
बुखार को दूर करने के लिए ककड़ा सिंगी,कुटकी,पित्त पपड़ा ,इलाइची ,हल्दी ,कचूर ,शोठ ,पोहकरमूल ,गिलोय ,जवाखार ,चिरैता ,देवदारु ,और दस्मुला की 10 औसधियाँ इन सब 23 औषधियों को बरा बार ग्राम लेकर कड़ा बना लें फिर उसमे थोड़ा सा कला नमक मिला लें इसको सुबह पी जाएँ इससे निशित रूप से बुखार ख़त्म हो जायेगा
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